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शादी से पहले चूत चुदाई का वादा।शादी के बाद पूरा कि

शादी से पहले चूत चुदाई का वादा।शादी के बाद पूरा कि

शादी से पहले चूत चुदाई का वादा शादी के बाद पूरा किया
आज 01-02-2021 दिन Monday समय 7:45 AM कैसे हो सब? उम्मीद करता हूँ आप सब खुश होंगे, मेरी कहानी को पढ़ने से पहले में आप का धन्नेवाद करता हूँ. दोस्तों वैसे तो में पिछले 5 साल से सेक्स स्टोरी पढता हूँ और मुझे मज़ा बहुत आता है में ने आप लोगों की कहानिओं से बहोत से मज़े लुटे हैं और मूठ मेरा है जितना पानी में निकाला है किसी के बुड़ में निकालता तो कितने बच्चे हो जाते। अब वक्त आगया के आप सब लोग मेरी कहानी को पढ़ें और खूब मज़े करें लड़के लण्ड(लौरा) निकल के मुठ मारें या चूत, लड़किया अपनी चूत में कुछ ऐसा करें जो पहले कभी न किया हो, और मुझे अपना कमेंट भेजे।
[email protected] पर।
दोस्तों मेरा नाम शाहिल है। उम्र 25 बिहार के छोटे से गांव में रहता हूँ, लंड 6 इंच लमबा 3.5 इंच मोटा है, देखने में ठीक हूँ अब में कहानी पर आता हूँ मेरी कहानी 12 पहले शुरू होती है बिहार के एक छोटे से गांव से जो मेरा घर भी है, दोस्तों में 2008 तक अपने नानी के पास में रहकर पढाई करता था साल में एक बार एक महीने की छुट्टी पर घर आता था 2008 में जब में अपनी छुट्टी में घर आया, में बहूत खुश था, में अकेला रहना ज़्यादा पसंद करता था मगर घर वाले के कहने पर कभी-कभी परोस के घर पर खेलने चला जाता था, वहां एक लड़की रहती थी जिसका नाम फ़िज़ा था वो बहुत खूबसूरत थी और उसके चेहरे पर एक तिल था जो उसकी खूबसूरती को चार चाँद लगता था उससे मेरी अच्छी खासी दोस्ती हो गई वो मुझ से 3 साल बरी थी उसने अभी अपने जवानी में कदम डाला था, बूब्स की साइज 30 रही होगी। एक महीना कैसे गुज़रा पता ही न चला और में अपने नानी के पास आगया
जाने से पहले में ने एक पत्र लिखा जिसमे में ने उसे बताया के में उससे प्यार करता हूँ
मुझे कोई जवाब न मिला और में चला गया, फिर 3 महीने बाद में ने उसे एक पत्र फिर लिखा और उसे एक पुराणी किताब में डाल कर भेज दिया मुझे फिर कोई जवाब नहीं मिला, फिर में ने उसे याद कर के वक्त गुज़ार लिया, फिर में छुट्टी में घर आया तो उसे मिला वो बहुत खुश हुई कुछ दिन के बाद उसने मुझे एक पत्र दिया जिसमे उसने मुझ से माफ़ी मांगी और अपने प्यार का इज़हार किया में बहूत खुश हुआ, अब में हमेशा उस के घर जाता था खेलता था बातें करता थ
एक दिन में उससे घर गया सब लोग दूसरे रूम में थे तो उसने मुझे अकेला देख कर मुझे गले लगा लिया और मेरे होंठ को चूसने लगी आह। आह। आह। मेरे साथ पहले कभी एसे नहीं हुआ था मज़ा आगया और में भी उसका साथ देने लगा 5 मिनट की चुसाई के बाद हम अलग हुए तब से जब भी उसे मौका मिलता या मेरा दिल होता तो हम शुरू हो जाते और मेरे होंठ को चुस्ती थी कभी उससे ज़्यादा का टाइम नहीं मिल पाया, और मुझे पता भी न था उससे ज़्यादा कुछ इस के बार मेरे घर वाले ने मेरा एडमिशन यहीं करवा दिया। अब रोज़ का मिलना जुलना होने लगा में पूरी पूरी रात उसकी खिड़की पर खरा होकर गुज़ार देता था हम खूब बातें करते थे किस करते थे वो घर के अंदर में घर के बाहर बिच में खिड़की का रॉड बहुत दिन तक ऐसा ही चलता रहा जब ठंढी होती तो खिड़की का लोहा ठंडा रहता मगर उसके होंठों की गर्मी ठंढे का अहसास नहीं होने देती
एक दिन उसने मेरा हाँथ अपने कपड़े के अंदर डाल दिया और (दूध ) चूची को दबाने को कहा पर वो काफी गर्म था में उसको दबाने लगा और होंठ चूसने लगा पहली बार किसी लड़की का जवान जिस्म का मज़ा मिल रहा था अब फिर तो हर दिन किस के साथ दूध दबाने का काम चलता रहा
फिर उसने एक दिन मुझे अपने दूध चूसने को कहा में ने उसका दूध चूसा मगर वो बहुत मोश्किल से अपना दूध मुझे चूसा पति थी क्यों की बिच में खिड़की थी फिर ये भी कुछ महीने चला अब मुझे भी चुदाई के बारे में कुछ जानकारी होने लगी थी मगर चुदाई का कोई मौका न मिला था उसी बीच में ने उसकी बड़ी बहन को पति से चोदवाते देखा एक दिन में उसके घर की तरफ रत 11 बजे उससे मिलने जा रहा था तभी मुझे उसके दूसरे रूम में रौशनी दिखी मुझे लगा के आज वो इस रूम में सो रही है में धीरे धीरे खिड़की की तरफ गया और अंदर देखा वहां कुछ और ही चल रहा था उसकी बरी बहन जिसकी शादी हो चुकी थी वो अपने पति के साथ चुद रही थी 
(इस कहानी को में बाद में बताऊंगा) जब में ने उसे देखा तब जाके मुझे मेरे लंड का और चूत का असल काम पता चला,
अब में उससे गन्दी बातें भी करने लगा एक दो बार जब घर पर कई नहीं होता था तक में उसके चुत को छूटा था दूध पिता था किस करता था, मगर उससे आगे नहीं कुछ कर पाया, अब घर वाले को भी हम लोगों पर सक होने लगा था अब उसपर कुछ ज़्यादा ही लोग नज़र रखने लगे थे फिर हम लोगों का मिलना कम हो गया दूर से एक दूसरे को देखना और बिताये हुआ पल को याद करना, कभी-कभी वक्त जब मेहरबान होता था तो मिल लेता था, एक रात में उसके खिड़की पर था तो में उससे ज़िद करने लगा के तुम अपने आँगन में आओ बह्त ज़िद के बाद वो आई में दिवार फांद कर उसके आँगन में गया और वो उसे पॉयलेट के पास ले गया वहां में ने उसको गले लगाया, फिर हम एक दूसरे के होंठ को चूसने लगे ज़बान एक दूसरे के मुंह में डालने लगे हम लोग रसपान करते रहे फिर में ने अपना एक हाँथ उसके दुधु पर रख दिया और धीरे धीरे उसे दबाने लगा अब वो भी गरम हो गई थी उसके मुँह से आह आह की आवाज़ आने लगी थी अब वो मेरे पुरे जिस्म पर अपना हाँथ फेर रही थी में ने उसके कपड़े को ऊपर कर के उसके ब्रा में हाँथ दाल दिया और दबाने लगा और अब और गरम हो गई थी मेरा भी खरा हो गया था जो अब उसकी चुत को फार देने को बिलकुल रेडी था, में उसके दूध चुने लगा काया मज़ा था लफ्ज़ नहीं मेरे पास, उन्ह-उन्ह- उन्ह-उन्ह-
फिर उसने अपना हाँथ धिरे-धीरे मेरे लंड तक पहुंचाया, और उसके साथ खेलने लगी पहले बार उसने मेरे लंड को छुआ था और वो उसे प्यार से सोहला रही थी उसको हिला रही थी आगे पीछे कर रही थी में पागल सा होने लगा अब में उसे चोदना चाहता था
फिर में ने उसके नारे पर अपना हाँथ डाला और उसे खोलने लगा उसने मुझे रोका क्यों के वहां कोई भी आसक्त था, मगर में न माना और खोल दिया और पहले बार उसके चुत को छुआ बिना कपड़े के उसके मुंह से एक आवाज़ आई जिससे अंदाज़ा लगाना काफी था के उसे बहुत मज़ा आरहा है उसके बूर् में छोटे-छोटे बाल थे जो कुछ दिन पहले उसने बनाये होंगे, अब वो कुछ ज़्यादा ही गर्म हो गई थी अपने होंटो को मेरे मुंह पर गर्दन पर घिसने लगी, मुझे भी मज़ा आने लग
अब में ने अपने लंड को उसके चुत पर रखा और उसे सहलाने लगा वो भी अब चुदना चाहती थी उसके बू र में से उसका रस निकलने लगा था। और अब मुझ से उसकी बुर् की गर्मी बरदार करना मोशकिल था। में ने डालने की कोशिश की मगर खरे-खरे अंदर चुत में नहीं डाल पाया फिर में ने उससे रूम में चलने को कहा वो मान भी गई उसका वो रूम जिस में में ने उसकी बहन और जीजा की चुदाई देखि थी उसमे कोई नहीं सोता था हम उसकी तरफ गए जैसे ही उसने गेट खोलने की कोशिश की हम दोनों के कान में आवाज़ आई, कौन है? जो उसकी मौसी थी वो हमारी तरफ आती हुई दिखी उसने मुझे भाग जाने को कहा में वहां से जैसे भी हो दिवार फांद कर भाग निकला, और हमारे लंड को चुत न मिल पाया, न उसकी चुत को मेरा लंड, और खरे लंड पर धोका वही कहावत सही हो गई उसके घर वाले ने उस रात उसके साथ क्या किया वो आज भी में नहीं जान पाया, मगर फिर हम मिले नहीं, कुछ दिन के बाद उसके घर वाले सिटी में चले गए साथ में वो भी अब देखना भी नसीब नहीं होता था
कुछ दिन बाद दोस्तों से मुझे पता चला के उसका अब कोई और बॉयफ्रेंड भी है, में अब उसे भूलने लगा, मेरी कोई दूसरी गर्लफ्रेंड भी नहीं थी में ऐसे ही लड़किओं से बात करता था। फिर एक दिन मेरे गांव में एक शादी थी वो शादी में वो आई थी, और वो मेरे घर से ३ मिनट की दुरी पर था, वो मेरे घर आई मिलने के लिए उस टाइम मेरे घर पर कोई न था, में उसे देख कर बहुत खुश हुआ हम दोनों एक दूसरे की तरफ लपके और गले लग गए, दो मिनट के बाद मुझे अपने दोस्तों की बात यद् आई, में ने गुस्से में उसे अपने से अलग किया वो डर गई, फिर में ने उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा वो समझ नहीं पायी और मुझसे कहने लगी किसने बताया में ने उसको पूरी बात बताई फिर उसने मुझे बताया के सब झूट है ऐसा कुछ नहीं है
उसने मुझे भरोसा दिलाया के वो किसी और से प्यार नहीं कर सकती, फिर हम लोग ने किस करना शुरू कर दिया दूध पीना चूसना चाटना फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा और उसे हिलाने लगी में ने भी उसके चुत में हाँथ दाल दिया उसके चुत से पानी निकल रहा था अब वो बहुत गर्म हो गई थी अब में उसे चुदना चाहता था में उसे अपने बेड पर ले गया, और उसे अंगों के साथ खेलने लगा अब में उसको चोदने वाला था तभी उसने मना कर दिया मुझे बहुत गुस्सा आया में उससे ज़बरदस्ती नहीं करना चाहता था फिर में ने उससे पूछा मना करने की वजह तो उसने मुझे अपने एक दोस्त की कहानी बताई जिससे उसकी दोस्ती सिटी में हुई थी और उसकी शादी के बाद उसके पति ने उसे छोर दिया ये कह के वो पहले से चोदवा चुकी है
इस लिए उसने मुझ से पूछा के तुम मुझ से शादी करोगे में १५ साल का था वो १८ की मेरे पास कोई जवाब न था फिर उसने मुझे सब समझाया में कर भी क्या सकता था और अब लंड भी संत हो चूका था फिर हम लोगों ने कुछ देर बातें की और उसने मुझ से वादा किया के शादी के बाद मुझे ज़रूर मिलेगी और मेरे लंड को अपने चुत में लेगी और मेरे बच्चे को जनम देगी, (४ साल बाद गर्लफ्रेंड लौट कर आई अपना वादा पूरा करने) इस कहानी का अगला भाग आप को जल्द मिले गा,। मुझे बताएं कैसी लगी मेरी यादें।
मुझे इमेल से अपने विचार बतायें! [email protected]
Published by pussydesi
3 years ago
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